Chief Minister Salary-मुख्यमंत्री कि सैलरी कितनी होती है

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Chief Minister Salary

भारत देश में 28 राज्य और 7 केंद्र शाशित प्रदेश है जहा पर हर राज्य के
मुख्यमंत्री का अलग अलग वेतन होता है किसी राज्य के मुख्यमंत्री कि सैलरी
2.50 लाख रूपये से भी अधिक है तो किसी राज्य के मुख्यमंत्री कि सैलरी 75
हजार रूपये है और किसी राज्य के मुख्यमंत्री का वेतन 1.75 लाख रूपये है
मुख्यमंत्री के वेतन में बढ़ोतरी हर वर्ष नही कि जाती है

बल्कि 10 साल बाद उनके वेतन में बढ़ोतरी कि जाती है आज हम आपको अलग
अलग राज्य के मुख्यमंत्रियों के वेतन के बारे में बतायेगे ताकि देश के हर राज्य
के नागरिक को अपने राज्य के मुख्यमंत्री कि सैलरी कितनी होती है के बारे में
पता हो बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नही होती है और उन्हें
ऑनलाइन सैलरी के बारे में पता करने के तरीका भी नही होता है ऐसे लोगों को
हम मुख्यमंत्री के वेतन के बारे में बताने वाले है

मुख्यमंत्री कि सैलरी कितनी होती है (Chief Minister Salary):-

मुख्यमंत्री कि सैलरी कितनी बढानी है या कम करणी है इसके लिए केंद्र सरकार या फिर संसद को इस मामले में कुछ लेना देना नही होता है और मुख्यमंत्रियों कि हर साल वेतन में बढ़ोतरी नही कि जाती है बल्कि हर 10 वर्षों से हर राज्य कि सरकार कि और से मुख्यमंत्री कि सैलरी में बढ़ोतरी कि जाती है ये निश्चित नही होता है कि हर राज्य के मुख्यमंत्री का वेतन एक समान होता है बल्कि प्रतेक राज्य के Chief Minister salary अलग अलग होती है

इस आर्टिकल में हम आपको अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के वेतन के बारे में बतायेगे क्योंकि मुख्यमंत्री का वेतन 4 लाख रूपये से लेकर 1 लाख रूपये तक होता है जिन मुख्यमंत्रियों को वेतन दिया जाता है और हम आपको इसमें बतायेगे उस वेतन में उनका देनिक भत्ता,अन्य व्यय आदि शामिल है सभी को मिलाकर हि सरकारी वेतन प्रदान किया जाता है

तेलंगाना 4.10 लाख,दिल्ली 3.90,उत्तरप्रदेश 365,महारास्ट्र 3.40,हरियाणा 2.88,गोवा 2.20,हिमाचलप्रदेश 3.10,बिहार 2.15,कर्नाटक 2,राजस्थान 1.75,सिक्किम 1.90,पंजाब 2.30,मध्यप्रदेश 2.55,आंध्रप्रदेश 3.35,उड़ीसा 1.60,मेघालय 1.55,असम 1.25,त्रिपुरा 1.05,उत्तराखंड 1.75,नागालेंड 1.10,पश्चिम बंगाल 2.10,मणिपुर 1.20,तमिलनाडु 2.05

Chief Minister (मुख्यमंत्री):-

देश के हर राज्य का एक मुख्यमंत्री होता है जिसे हर राज्य का राजनेतिक मुखिया कहा जाता है सबसे पहले मुख्यमंत्री बनने के लिए लिए हर राज्य कि जनता कि और से अपने अपने तहसील से विधायक को चुना जाता है इसके बाद जिस पार्टी के विधायकों कि संख्या ज्यादा होती है उसी पार्टी के एक मुहिया को राज्य कि कमान सोंपी जाती है जिसे मुख्यमंत्री कहा जाता है जिस पार्टी के पास विधायकों कि संख्या ज्यादा होती है उस पार्टी को राज्य के राज्यपाल के पास जाना होता है पार्टी को अपने विधायकों कि संख्या का पत्र राज्य के राज्यपाल को देना होता है

जिसके बाद मुख्यमंत्री पद कि घोषणा कि जाती है मुख्यमंत्री पद कि सपथ राज्य का राज्यपाल दिलाता है अगर एक पार्टी में विधायकों कि संख्या कम हो और पार्टी में अन्य पार्टी के विधायक मिलकर संख्या को पूरा कर देते है तो जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा विधायक है उस पार्टी से भी ज्यादा दूसरी पार्टी गठबंदन कि सरकार बना सकती है मुख्यमंत्री बनने के लिए व्यक्ति में भारत सरकार कि और से तय कि गई योग्यताओं को होना भी जरूरी है क्योंकि पुरे राज्य कि कमान उसके हाथों में होती है बहुत से अहम कार्य मुख्यमंत्री को करने होते है

मुख्यमंत्री का कार्यकाल:-

देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल एक समान हि होता है मुख्यमंत्री का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है 5 वर्ष के बाद भारतीय चुनाव आयोग कि और से राज्यों में फिर से चुनाव करवाए जाते है जिसमे फिर से विधायकों के जरिये मुख्यमंत्री का चुनाव होता है अगर किसी वजह से चुनाव नही हो पाते है और मुख्यमंत्री जी का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो उसके बाद राज्य का कार्यभार राज्यपाल को सम्भालना होता है राज्यपाल तब तक कार्य कि देख रेख करेगा जब तक कि नये मुख्यमंत्री कि नियुक्ति न हो जाए

मुख्यमंत्री के लिए योग्यता:-

मुख्यमंत्री के लिए व्यक्ति में जिन योग्यताओं का होना जरूरी है वो निम्न प्रकार है

  • व्यक्ति कि आयु कम से कम 30 वर्ष कि होनी चाहिए
  • किसी उच्चतम न्यायलय कि और से उसे दोषी न ठहराया गया हो
  • व्यक्ति विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है
  • अगर व्यक्ति विधानसभा का सदस्य नही है तो भी वह मुख्यमंत्री बन सकता है
  • अस्पताल से पागल करार न दिया हुआ हो

Chief Minister के कार्य:-

Chief Minister के क्या क्या कार्य होते है इसके बारे में हम आपको बताने वाले है आइये जानते है इसके बारे में

  • मुख्यमंत्री विधानसभा को भंग करने कि सलाह राज्य के राज्यपाल को दे सकता है
  • राज्य में किसी भी सरकारी कर्मचारी के तबादले के लिए आदेश मुख्यमंत्री हि देता है
  • मुख्यमंत्री राज्य का रास्ट्रीय विकास परिषद का नेत्रत्व करता है
  • मुख्यमंत्री मंत्रीपरिषद के विचार को राज्यपाल के सामने रख सकता है जिसके बाद राज्यपाल उस विचार पर घनता से विचार करता है
  • अगर कोई विधायक मंत्री परिषद कि नीतियों का खंडन करता है उसे नही मानता है तो उसे मुख्यमंत्री अपना त्यागपत्र देने के लिए कह सकता है और राज्यपाल भी कह सकता है
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