जिला कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है , ias और जिला कलेक्टर में क्या अंतर है , district collector will gets salary , जिला कलेक्टर कैसे बनता है,जिला कलेक्टर की सैलरी, जिला कलेक्टर के कार्य, परीक्षा पैटर्न, जिला कलेक्टर पद के लिए आयु

district collector will gets salary
district collector will gets salary (जिला कलेक्टर की सैलरी) – एक जिला कलेक्टर जिले में होने वाली सभी गतिविधियों की शासन व्यवस्था उनकी अहम् जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है कलेक्टर बनने के लिय भारत सरकार हर साल अलग लग राज्यों की भर्ती करवाती है उस भर्ती को UPSC बोर्ड द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया को उनके द्वारा किया जाता है हर साल देश के लाखो युवा साथी UPSC परीक्षा के form भरते हैदोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको आज कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है , कलेक्टर की क्या योग्यता होती है , कलेक्टर कैसे बना जाता है , तथा कलेक्टर के पास कोन कोन से पॉवर होते है
जिला कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है
district collector will gets salary – एक जिले के कलेक्टर की सैलरी देखे तो 2 ,50,000 रुपया तक मिलती है जो की एक देश की शासन व्यवस्था को बनाने रखने वाले प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति की नहीं होती है अगर हम बात करे जिम्मेदारी की तो प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति की जिम्मेदारी एक कलेक्टर से कही 10 गुना ज्यादा होती है मगर वेतन कलेक्टर को ज्यादा मिलता है इन सब बातो की जानकारी के बारे में विस्तार से वर्णन करेंगे इसलिय आप इस आर्टिकल को लास्ट तक जरुर पढ़े और जानकारी को हासिल करे और EXAM को देते है
मगर इन लाखो युवाओ में से केवल 12% से 15% युवा साथी UPSC परीक्षा को पास करते है इस UPSC परीक्षा से जिले का कलेक्टर, तहसीलदार , SDM ,इनकम टेक्स आदि पोस्ट UPSC भर्ती परीक्षा द्वारा ही बनना संभव है अगर हम बात करे की UPSC परीक्षा को पास करने वाले युवाओ की सैलरी की तो उनकी सैलरी 56,000 रुपया से start होती है उसके बाद उनको भत्ता , मकान , गाड़ी जैसी अनेको सुविधाए मिलती है कुल मिलकर |
आर्टिकल किसके बारे में है | जिला कलेक्टर की सैलरी के बारे में |
कलेक्टर की सेलरी | बेसिक वेतन 56,100 , टोटल २.5 लाख रुपया |
कार्यभार | सम्पूर्ण जिले का |
कलेक्टर कैसे बनता है | upsc परिक्क्षा पास करने पर |
जिला कलेक्टर और ias क्या है
district collector will gets salary – राज्य का एक जिला कलेक्टर सम्पूर्ण जिले की कार्य विधि का भार उनके कंधो पर होता है जिले में जो भी कार्य है जैसे पंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्रो के विकास , चिकत्सा एवं स्वास्थ्य विभाग , आयुर्वेद , हॉस्पिटल , कृषि समन्धि जो भी परेशानिया है उनकी तथा ,महिलाओ के अधिकार , जिले के बच्चो की शिक्षा , जिले की लाइट एवं उर्जा , खेलकूद , पशुपालन , परिवहन के साधनों जैसी अनेको समस्याओ का हल निकलने एवं नई सेवा प्रदान करने की जिम्मेदारी एक जिला कलेक्टर के पास होती है
जिला कलेक्टर IAS का ऑफिसर होता है उसको ही कलेक्टर कहते है ये दोनों एक ही होते है और upsc परीक्षा को पास कर ही जिले का अधिकारी बनाया जाता है उनकी जिम्मेदारी बनती है की जिले में जो भी गतिविधिया है चाहे गतिविधि अच्छी हो या बुरी उनको निपटाना एवं जिले में कुछ कमिय है
उनको निया योजनाओ को जिले में लाना एक कलेक्टर का कार्य है बात करे हम एक जिला क्ल्लेक्टर की सैलरी के बारे में तो कलेक्टर को बेसिक सैलरी भारत सरकार द्वारा 56,100 रुपया मिलता है मगर इसके साथ साथ उनको एक VIP फ्लेट , गाड़ी की सुविधा होती है और उनको पुलिस प्रोटेक्शन भी दिया जाता है उनकी सुरक्षा के लिय अगर हम कुल मिलकर कलेक्टर की सैलरी देखे तो करीब 2,50,000 रुपया होती है जो की देश के प्रधानमंत्री से 2 गुना ज्यादा होती है जिला कलेक्टर बनने के लिए योग्यता निचे दी गई है
जिला कलेक्टर कैसे बनते है
जिला कलेक्टर की सैलरी – अपनी भारत सरकार में upsc एक संस्था है वो देश की बड़ी बड़ी नोकरी जैसे कलेक्टर , तहसीलदार , sdm , इनकम टेक्स विभाग जैसी भर्तिया करवाती है इस भर्ती परीक्षा में देश के करीब 1 लाख युवा साथी हर साल परीक्षा में पेपर देने के इच्छुक होते है मगर upsc परीक्षा देश का सबसे बड़ा बोर्ड है इसका पेपर इतना कठिन होता है की आम युवा साथी पेपर को पास नही कर सकता बहुत ही अनुभव वाले युवा साथी ही इस चयन परीक्षा के पेपर को पास कर सकते है उसके बाद इन युवाओ का interview भी होता है
जो कुछ दिन लम्बे समय तक चलता है और सभी क़ानूनी प्रशन इन interview में सीनियर अधिकारियो द्वारा पुच्छे जाते हैदेश के कुछ युवा साथियों का सवाल रहता है की ias (आईएस ) कोण होता है मेरे भाइयो ias ही जिले का कलेक्टर होता है इस पोस्ट पर जिस युवा साथी का सिलेक्शन होता है वो जिले का कलेक्टर बनता है upsc भर्ती परीक्षा की बड़ी पोस्ट ias की होती है इनकी सैलरी ही सबसे ज्यादा होती है ias officer की बेसिक सैलरी 56,100 रुपया से start होती है
कलेक्टर का प्रमुख दायित्व
- कलेक्टर भूमि का मूल्यांकन करता है |
- भूमि अधिग्रहण करने का काम करता है
- भूमि राजस्व का संग्रहण, भूमि रिकार्डों का रख-रखाव, भूमि सुधार व जोतों का एकीकरण कराता है |
- बकाया आयकर, उत्पाद शुल्क, सिंचाई बकाया को वसूलने का काम करता है |
- बाढ़, सूखा और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने का काम करता है | |
- बाह्य आक्रमण और दंगों के समय सुरक्षा प्रदान करता है |
- कृषि ऋण का वितरण करता है |
- जिला बैंकर समन्वय समिति का अध्यक्षता करने का काम करता है |
- जिला योजना केंद्र की अध्यक्षता करता है |
जिला कलेक्टर के कार्य
- जिस जिले में कलेक्टर कि पोष्टिग होती है उस एक जिले की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाती है इसलिए वह जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है
- एक कलेक्टरकोपुलिस और जिले के अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करने का काम सौंपा जाता है । इसके साथ ही वह सभी लोगों को न्याय दिलाने का भी काम करता है |
- कलेक्टर को किसी जिले के हर छोटे-बड़े सभी कार्य करने होते है जैसे – आपदा प्रबंध, सरकारी योजनायों को लागू करवाना, ऋण वितरण, कर्ज वसूली, कर वसूली, भूमि अधिग्रहण, भूमि मूल्यांकन, आम जानता की समस्या का समाधान करके उसका हल निकालना आदि सभी कार्य करने होते हैं
- इसके अतिरिक्त एक कलेक्टर को मुख्य कार्य कानून व्यवस्था को बनाये रखना एवं जिले की जानकारी सरकार तक पहुंचाने के काम की भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है|
जिला कलेक्टर की पोस्ट के लिए परीक्षा पैटर्न
कलेक्टर कि नोकरी के लिए अभ्यर्थियों को तिन प्रकार कि एग्जाम देना होता है जिसमे तीनो एग्जाम निम्न प्रकार है
- प्रारंभिक परीक्षा – (Preliminary Exam)
- मुख्य परीक्षा – (Main exam)
- साक्षात्कार – (Interview)
- प्रारंभिक परीक्षा —
- इस परीक्षा का आयोजन जून – जुलाई और अगस्त महीने के बीच किया जाता हैं | इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को 2 पेपर देने होते हैं पहला सामान्य अध्यन तथा दूसरा सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट कराया जाता है | ये दोनों पेपर 250-250 अंकों के होते हैं | जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर लेते हैं उन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल कर लिया जाता हैं |
- मुख्य परीक्षा —
- Mains Exam: इस परीक्षा का आयोजन दिसंबर से जनवरी के बीच किया जाता है |
- साक्षात्कार —
- मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, साक्षात्कार कुल 750 अंकों का कराया जाता है | इसके बाद जो अभ्यर्थी इन तीनो परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर लेते है, तो उन्हें इस पद के लिए नियुक्त कर लिया जाता है |
जिला कलेक्टर बनने के लिए आयु
- सामान्य श्रेणी (General) – 21 से 32 वर्ष
- अन्य पिछड़ी जाति (OBC) – 21- 32 वर्ष (तीन साल की छूट =35 वर्ष )
- अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) – 32 वर्ष (पांच साल की छूट =37 वर्ष )
- इसके अतिरिक्त विकलांग और सेवा-निवृत सैनिक या कर्मी को भी UPSC के नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है |
जिला कलेक्टर बनने की योग्यता क्या है
- आवेदक भारत देश का मूलनिवासी होना जरुरी है
- लाभार्थी कम से कम ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त हिना चाहिय
- लाभार्थी की आयु कम से कम 21 वर्ष से 35 वर्ष के बिच होनी चाहिय
- आवेदक के ऊपर किसी प्रकार की पुलिश केश नही होना चाहिय
- लाभार्थी अपराध का भोगी ना हो