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E-NAM योजना National Agricultur Market Yojana किसानो की बेस्ट योजना
किसानो के लिए शुरू की गई योजना E-NAM योजना देश के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते है E – NAM योजना से किसानो को एक नई सौगात मिली है किसान अब घर बैठे अपने मोबाइल से किसानो की इस योजना से जुड़ सकते है मोदी सरकार की इस योजना से अब तक एक करोड़ 65 लाख किसान जुड़ चुके है आपको बता दे की किसानो की इस योजना से जुड़ने के लिए किसानो को ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन करना होता है जो कोई भी किसान आसानी से कर सकता है
नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए ई नाम योजना शुरू की
E-NAM Yojana सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक,
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक देश के करीब पौने दो करोड़ किसान इस मंडी से जुड़ चुके हैं.
इसका नाम राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (E-NAM)
है. आपको बता दें कि साल 2017 तक ई-मंडी से सिर्फ 17 हजार किसान ही
जुड़े थे. ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है. जो पूरे भारत में मौजूद एग्री
प्रोडक्ट मार्केटिंग कमेटी को एक नेटवर्क में जोड़ने का काम करती है.
इसका मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बाजार उपलब्ध
करवाना है. इससे फायदे को देखते हुए किसान तेजी से इसके साथ जुड़ रहे हैं. नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के जरिए कृषि उत्पादों का अधिक दाम मिलेगा तो 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी भी हो जाएगी इंटरनेट से जोड़ी गई हैं देश की 585 मंडियां-ई-नाम
के तहत देश के विभिन्न राज्यों में स्थित कृषि उपज मंडी को इंटरनेट के जरिए जोड़ा गया है.
National Agricultur Market Yojana
इसका टारगेट यह है कि पूरा देश एक मंडी क्षेत्र बने. अगर गोरखपुर का कोई किसान
अपनी उपज बिहार में बेचना चाहता है तो कृषि उपज को लाने-ले जाने और मार्केटिंग करना आसान हो गया है. मतलब साफ है कि किसान और खरीदार के बीच से ई-नाम ने दलाल खत्म कर दिए हैं. इसका लाभ न सिर्फ किसानों बल्कि ग्राहकों को भी मिलेगा. किसान और व्यापारियों के बीच के इस कारोबार में स्थानीय कृषि उपज मण्डी के हित
को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, क्योंकि पूरा व्यापार उसके माध्यम से ही होगा.
किसान को इस टेंशन से मिल रही है छुट्टी-
बाजार और उत्पाद का अच्छा दाम मिलना किसानों की सबसे बड़ी समस्या है.
किसान बड़ी हसरत से अपने खेत में बुआई करता है, फसल तैयार करता है,
महीनों बाद जब फसल तैयार हो जाती है तो उसे बाजार का संकट होने लगता है.
वह फसल काट कर मंडी ले जाता है, और वहां जब उसका औना–पौना दाम लगता है
तो वो परेशान हो उठता है
क्या है e-Nam योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के इस सबसे बड़े दर्द समझा और फसलों कीऑनलाइन बिकवाली के लिए देश भर में कृषि बाजार (ई-मंडी) खोल दी. इसका मतलब है राष्ट्रीय कृषि बाजार.इसकी शुरुआत 14 अप्रैल, 2016 को की गई थी. इसके तहत रजिस्टर्ड होकर किसान अपनी उपज अच्छी कीमत पर कहीं भी बेच सकते हैं.अब वे बिचौलियों और आढ़तियों पर निर्भर नहीं हैं. सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम के तहत जोड़ा है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत काम करने वाला ‘लघु कृषक कृषि व्यापार संघ’ (एसएफएसी) ई-नाम को लागू करने वाली सबसे बड़ी संस्था है.
सरकार की योजना इस साल 200 एवं अगले साल 215 और मंडियों को इससे जोड़ने की है.देशभर में करीब 2,700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप-बाजार हैं. पहले कृषि उपज मंडी समितियों के भीतर या एक ही राज्य की दो मंडियो में कारोबार होता था.
हाल ही में पहली बार दो राज्यों की अलग-अलग मंडियो के बीच ई-नाम से व्यापार किया गया.
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Kisan E-NAM Yojana Online Registretion
E-NAM Yojana के रेजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले किसान
को https://enam.gov.in पर जाना है जिसके बाद रेजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना है इसके बाद एक फॉर्म खुलेगा जिसमे जानकारी भरकर जमा करे पर क्लिक करना है जिसके बाद मोबाइल व ईमेल पर ID password चले जायँगे जिनका उपयोग करके किसान लॉगिन कर सकता है और अपने अनाज व फसल बीच सकता है
- सबसे पहले अधिकारिक वेबसाइट पार जाए enam.gov.in
- इसके बाद आपके सामने e Nam Portel ऑपन हो जायगा
- जो आप यह देखे सकते है इस तरह का

- यहा आपको Registration पर क्लिक करना है
- जिसके बाद आपके सामने नया पेज ओपन होगा
- जिमसे आपको इस तरह के ऑप्शन मिलेंगे

- इस फॉर्म में आपको सबसे पहले अपनी सही सही जानकारी भरनी है
- जानकारी में आपको नाम पता व bank passbook आदि कि जनकारी दर्ज करे
- जिसके बाद कॉपी अपलोड करे
- इके बाद फॉर्म को Submit करे इसी तरह से पहले आपको यह पोर्टल रजिस्ट्रेशन करना होगा
- e nam पोर्टल पंजीयन करने के बाद आपको लॉग इन करना है और आप चाहे जब फॉर्म भरकर फसल बेच सकते है
FQA – e NAM Yojana
Q-1 ई नाम और पहले शुरू मंदी प्रणाली में अंतर
Ans- देश के सम्पूर्ण मंडी को जोड़ने के लिए व मंडियों में किसानो को सुविधा उपलब्ध कराने में e-Nam yojana बेस्ट है पहले मंडी एक दूसरी मंडी से जुड़ी हुई नहीं थी और अब E-NAM के माध्यम से इसे जुड़ा गया है |
Q-2 E-Nam योजना कैसे काम करती है
Ans- e-Nam इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो भारत सरकार द्वारा (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के माध्यम से) निवेश के साथ बनाया गया है। यह राज्य में मौजूद किसी भी बाजार यार्ड (चाहे विनियमित या निजी)। ई-नाम के लिए विकसित विशेष सॉफ्टवेयर प्रत्येक मंडी के लिए उपलब्ध है जो प्रत्येक राज्य मंडी अधिनियम के नियमों के अनुरूप आवश्यक अनुकूलन के साथ राष्ट्रीय नेटवर्क में मुफ्त में शामिल होने के लिए सहमत है।
Q-3 e-NAM प्लेटफॉर्म का संचालन कौन करेगा?
Ans- ई नाम योजना का संचालन कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने छोटे किसानों के कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) को e-NAM की प्रमुख कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। SFAC एक रणनीतिक साझेदार, वर्तमान में NFCL की मदद से e-NAM प्लेटफॉर्म का संचालन करेगा।
Q-4 e-NAM में शामिल होने की कोई पात्रता ?
Ans- ई-नाम के साथ अपनी मंडियों को एकीकृत करने के इच्छुक राज्यों को अपने एपीएमसी अधिनियम में निम्नलिखित तीन सुधारों को पूरा करने की आवश्यकता है। ए) एकल व्यापार लाइसेंस (एकीकृत) पूरे राज्य में मान्य होना बी) पूरे राज्य में बाजार शुल्क का एकल बिंदु लेवी; और सी) मूल्य की खोज के एक तरीके के रूप में ई-नीलामी/ई-ट्रेडिंग के लिए प्रावधान
Q-5 ई-नाम से APMC मंडियों का कारोबार खत्म हो जाएगा?
Ans- ई-नाम मूल रूप से किसान की पसंद को बढ़ाता है जब अपनी फसल को बेचने के लिए मंडी में लाता है। स्थानीय व्यापारी उपज के लिए बोली लगा सकते हैं, साथ ही अन्य राज्य/मंडी में बैठे इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर भी व्यापारी। किसान स्थानीय प्रस्ताव या ऑनलाइन प्रस्ताव को स्वीकार करने का विकल्प चुन सकता है।
किसी भी मामले में लेन-देन स्थानीय मंडी के बहीखाते में होगा और वे बाजार शुल्क अर्जित करना जारी रखेंगे। वास्तव में, व्यापार की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी क्योंकि विशिष्ट उपज के लिए अधिक प्रतिस्पर्धा होगी, जिसके परिणामस्वरूप मंडी के लिए उच्च बाजार शुल्क होगा
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