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आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बतायेगे कि मत्स्य पालन योजना क्या है और इसकालाभ किस प्रकार लिया जा सकता है कैसे इसका आवेदन किया जाता है तो आइये जानते है इसके बारे में
मत्स्य पालन योजना क्या है?
साल 2020 में प्रधानमत्री द्वारा कई बड़ी घोषणा कि गई जिसमे PM मत्स्य पालन योजना का भी एलान किया गया है इस Yojana में 55 लाख रोजगार कि घोषणा हुई है आइए जानते है मत्स्य पालन योजना क्या है इस Yojana से किसे लाभ होता है बता दे कि Lockdown के दोरान इस Yojana कि घोषणा हुई है जिसमे 20 हजार करोड़ का प्रावधान
किया गया है
भारत Sarkar ने कोरोना राहत पैकेज में मत्स्य पालन योजना के लिए 20 हजार करोड़ खर्च करने के साथ इस Yojana में 55 लाख रोजगार बनने के अवसर बताए है Matsya Palan यानी मछली पालन योजना लो लोग मछली पालन करते है उन्हें Sarkar कि और से अनुदान दिया जाता है इस Yojana में Sarkar 80% Subsidy प्रदान करती है
Yojana | Matsya Palan Yojana |
Location | Uttrprdesh |
Yojana Type | All People Yojana |
Official Website | सरकारी योजना |
- मछली पालन में जितनी लागत आएगी उसकी 80% राशि Sarkar अनुदान के रूप में देगी।
- जिला मत्स्य अभिकरण यह कोशिश मछली पालन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कर रहा है
- मछली का उत्पादन 4 हजार किलो प्रति हेक्टेयर है।
- विभाग की कोशिश उत्पादन बढ़ाकर 4 हजार 5 सौ किलो प्रति हेक्टेयर करने की है
- Sarkar जो सुविधाएं मछली पालन करने वालों को दे रही है, उनके बारे में उन्हें पता नहीं है। इसकी जानकारी होने पर वे लोग मछली पालन में रुचि दिखाएंगे।
मत्स्य पालन योजना के लिए जानकारी के लिए कहाँ से जानकारी ले?
- मछली पालन हेतु जानकारी प्राप्त करने हेतु उत्तरप्रदेश जनपद में स्थित सहायक निदेशक
मत्स्य/मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण के कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। - मण्डल के मण्डलीय उप निदेशक मत्स्य कार्यालय से भी सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मत्स्य पालन योजना हेतु तालाब तैयारी का उचित समय क्या है?
Matsya Palan Yojana प्रारम्भ करने से पूर्व अप्रैल, मई एवं जून माह में तालाब मत्स्य पालन हेतु तैयार किया जाता है।
मत्स्य पालन योजना में कौन-कौन सी मछलियां पाली जाती है?
- Matsya Palan में मुख्य रूप से 6 प्रकार की मछलियां पाली जाती हैं |
- भारतीय मेजर कार्प में रोहू, कतला, मृगल (नैन) एवं विदेशी मेजर कार्प में सिल्वर कार्प,
ग्रास कार्प तथा कामन कार्प मुख्य है।
मछली पालन के लिए बीज कहाँ से प्राप्त होता है?
- Matsya Palan हेतु बीज प्राप्त करने हेतु जनपद के मत्स्य पालक विकास अभिकरण से सम्पर्क किया जा सकता है।
- जहाँ से मत्स्य बीज का पैसा जमा कराने पर अभिकरण द्वारा मत्स्य विकास निगम की
हैचरी से मत्स्य बीज प्राप्त कर मत्स्य पालक के तालाब में डाला जाता है। - इसके अतिरिक्त मत्स्य पालक जनपदीय कार्यालय में मत्स्य बीज का पैसा जमा कराकर
सीधे निगम से अपने साधन से मत्स्य बीज तालाब में डाल सकता है।
क्या मछली पालन के लिए मत्स्य विभाग से कोई ऋण दिया जाता है?
- नहीं, अपितु मत्स्य पालन योजना हेतु तालाब निर्माण, बंधों की मरम्मत, पूरक आहार,
आदि मदों हेतु विभाग द्वारा बैंक से ऋण हेतु प्रस्ताव तैयार कराकर दीया जाता है!!!!!!!!!जो लोग ग्राम समाज के तालाब में Matsya Palan न करके निजी क्षेत्र के तालाबों में
मछली पालन करना चाहते हैंउनके लिए भी Uttrprdesh Sarkar अनुदान राशि देती है - ऐसे लोगों को प्रोजेक्ट राशि की 48% धनराशि अनुदान में मिलती है
- 52% राशि मछली पालन करने वाले को लगानी पड़ती है
निजी क्षेत्रके तालाबों में मछली पालन के लिए Uttrprdesh Sarkar 93 हजार 200 रुपये प्रति हेक्टे
यर देती है।
सरकारी योजना – Sarkari Yojana List 2021
क्या ऋण पर कोई अनुदान भी दिया जाता है?
Bank द्वारा स्वीकृत किये गये ऋण की धनराशि हेतु सामान्य जातियों को 20 प्रतिशत तथा जाति/जनजाति के मत्स्य पालकों को 25 प्रतिशत विभाग द्वारा सरकारी
अनुदान दिया जाता है।
बैंकों से लोन भी ले सकते है:-
मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान ही नहीं बैंकों की ओर से Loan
भी मिलेगा। तालाब सुधार के लिए प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपये का ऋण तथा
इनपुट पर 50 हजार रुपये का ऋण मिलेगा। निजी भूमि पर नए तालाब निर्माण के लिए 3
लाख रुपये तक का Bank Loan मिलेगा
क्या मछलियों में बीमारी भी लगती है ?
- मछलियों में मुख्यत: फफूंद, जीवाणुओं, प्रोटोजोआ परजीवियों, कृमियों, हिरूडिनिया आदि द्वारा बीमारी उत्पन्न होती है |
- जिसके निदान हेतु जनपदीय कार्यालय में सम्पर्क कर अधिकारियों/ कर्मचारियों से तकनीकी जानकारी प्राप्त कर उसके उपचार करना चाहिए।
जिन तालाबों को सुखाया नहीं जा सकता उसकी मत्स्य पालन योजनाके लिए तैयारी कैसे करें?
- मौजूदा तालाबों में Matsya Palan करने से पूर्व अवांछनीय वनस्पति एवं मछलियों की निकासी आवश्यक है।
- वनस्पतियां हाथ से तथा मछलियां 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रति मीटर पानी की गहराई
की दर से महुआ की खली का प्रयोग कर अथवा बार-बार जाल चलाकर निकाली जा सकती हैं।
55 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार:-
वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन योजना के लिए
Sarkar 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना शुरू करने जा रही है। उन्होंने
बताया कि इस Yojana से करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है
70 लाख टन मछली का होगा उत्पादन:-
वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 5 सालों में 70 टन अतिरिक्त मछली का उत्पादन हो
सकेगा। इससे मत्स्य निर्यात दोगुना होकर करीब 100,000 करोड़ रुपए का हो जाएगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मरीन, इनलैंड फिशरी और एक्वाकल्चर में व्यावसायिक
गतिविधियों को तेज करने के लिए Sarkar 11,000 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध कराएगी